बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमले जारी, इस्कॉन के मंदिर को आग लगाई

Attacks on Hindu minorities continue in Bangladesh, ISKCON temple set on fire

बांग्लादेश: भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में रह रहे हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार और हमलों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (ISKCON) ने शनिवार को आरोप लगाया कि बांग्लादेश की राजधानी ढाका में उसका केंद्र दिन में जला दिया गया। इस्कॉन के कोलकाता के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में बताया कि बांग्लादेश में इस्कॉन नामहट्टा केंद्र को जलाया गया, जिससे श्री श्री लक्ष्मी नारायण की मूर्तियां और मंदिर की सभी वस्तुएं पूरी तरह से जल गईं। यह घटना ढाका के धौर गाँव में स्थित इस्कॉन के केंद्र में हुई, जो तुराग पुलिस स्टेशन के अंतर्गत आता है।

हमले की घटनाएं
राधारमण दास ने कहा कि हमलावरों ने तड़के 2-3 बजे के बीच मंदिर की टिन की छत तोड़कर पेट्रोल और ऑक्टेन से आग लगा दी। हमले में श्री श्री लक्ष्मी नारायण और राधा-कृष्ण की मूर्तियां जलकर खाक हो गईं और मंदिर का सारा सामान नष्ट हो गया। यह हमला बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़ते हमलों की कड़ी का हिस्सा है, जो पिछले कुछ महीनों में बढ़ गए हैं। खासकर अगस्त में प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार के हटने और अंतरिम सरकार के सत्ता में आने के बाद इस तरह की घटनाएँ बढ़ी हैं।

समुदाय की चिंता
इस्कॉन के कोलकाता उपाध्यक्ष ने इस बात पर चिंता जताई कि प्रशासन के पास हिंदू समुदाय की शिकायतें पहुँचने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि ये हमले समुदाय के लोगों को डराने और उनका मनोबल तोड़ने के उद्देश्य से किए जा रहे हैं।

भारत की प्रतिक्रिया
भारत ने इन घटनाओं पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि बांग्लादेश सरकार की जिम्मेदारी है कि वह अपने सभी नागरिकों, खासकर अल्पसंख्यकों, की सुरक्षा सुनिश्चित करे। उन्होंने बांग्लादेश में बढ़ती चरमपंथी हिंसा और हिंदुओं के खिलाफ हो रही घटनाओं पर चिंता व्यक्त की। इन घटनाओं का दोनों देशों के बीच संबंधों पर भी असर पड़ सकता है।

इस्कॉन और हिंदू समुदाय की अपील
इस्कॉन समुदाय और हिंदू संगठनों ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि वे बांग्लादेश सरकार पर दबाव डालें ताकि अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की गारंटी हो सके। वे चाहते हैं कि पुलिस और प्रशासन इन हमलों पर सख्त कार्रवाई करें। हिंदू भिक्षु चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद विरोध प्रदर्शन और बढ़ गए हैं, जिससे हालात और तनावपूर्ण हो गए हैं। यह स्थिति बांग्लादेश में हिंदू समुदाय की कमजोर स्थिति और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की तत्काल आवश्यकता को उजागर करती है।

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